राज्य के विश्वविद्यालय समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे बजट
वित्तीय वर्ष 2025-26 से बजटीय मांगें केवल शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित ‘समर्थ’ पोर्टल के माध्यम से प्राप्त की जाएंगी। राज्य के विश्वविद्यालय “समर्थ” के माध्यम से ही अपना बजट प्रस्तुत करेंगे। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजटीय मांगें हार्ड कॉपी में पहले ही जमा कर दी हैं, इसलिए इसे अगले वित्तीय वर्ष से करने को कहा गया है। आगे से सिर्फ इसी तरीके से ही बजट लिया जाएगा।
शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने इस संबंध में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजा है। ‘समर्थ’ की शुरुआत 2019 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा की गई थी। इस योजना से बजट सुव्यवस्थित होने के साथ ही प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी होगी। सेवाओं में सुधार होगा। विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों, कर्मचारियों, शिक्षकों पर निगरानी भी रहेगी। परियोजना के तहत उच्च शिक्षा संस्थान को क्लाउड-आधारित एकीकृत ईआरपी पोर्टल प्रदान किया जाता है जो विशेष रूप से देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रबंधन के लिए डिजाइन किया गया है।
इससे लागत में बचत होगी, कुशल संसाधन प्रबंधन होगा और अंततः विश्वविद्यालय और शिक्षा विभाग दोनों को लाभ होगा। इसलिए, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य सरकार से उच्च शिक्षण संस्थान द्वारा फंड (बजट) की मांग के लिए इसे लागू किया जा रहा है।
निर्धारित समय सीमा के भीतर भेजना होगा बजट : सभी विश्वविद्यालयों को ‘समर्थ’ पोर्टल के बजट प्रबंधन मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन व्यय के खर्चों का ब्यौरा देना होगा। व्यय की रिपोर्टिंग व्यय करने के बाद, वास्तविक समय की रिपोर्टिंग और अपडेट के लिए राशि को ‘समर्थ’ पोर्टल के बजट मॉड्यूल में रिपोर्ट किया जाना है।
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