स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए आज से खुला समर्थ पोर्टल
हल्द्वानी।
प्रदेश के महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए एक जुलाई से समर्थ पोर्टल खोल दिया गया है। वर्तमान में स्नातक प्रवेश पंजीकरण भी समर्थ पोर्टल के माध्यम से हो रहे हैं। राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के परीक्षा परिणाम समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड के माध्यम से दिए जाएंगे।
सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली ने बताया कि राज्य में संचालित कुमाऊं विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों के अध्ययनरत छात्रों को इस शैक्षणिक सत्र से समर्थ में संचालित स्टूडेंट लाइफ साइकल के माध्यम से डिजिटल ग्रेड कार्ड प्राप्त होंगे। इसके लिए छात्रों का एबीसी अकाउंट होना अनिवार्य है। यह कार्ड डिजिलॉकर में भी उपलब्ध होगा। हाल में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने पहली बार स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड के रूप में जारी किए हैं। इस सत्र से सभी शैक्षणिक वर्षों और सेमेस्टरों के परिणाम समर्थ के माध्यम से ही उपलब्ध कराए जाएंगे। शैलेश बगौली ने कहा कि समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड उच्च शिक्षा के डिजिटलाइजेशन और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को लाभान्वित करेगी। भविष्य में इसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से भी जोड़ा जाएगा ताकि छात्रों की सूचनाएं सटीक और गोपनीय बनी रहे।
क्या है समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड
समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड समर्थ पोर्टल की ओर से संचालित एक आधुनिक और डिजिटल पहल है जिसे उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों के शैक्षणिक परीक्षा परिणामों को डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया है। यह समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड छात्रों के परीक्षा परिणामों को ऑनलाइन और इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराएगा। इससे छात्रों को अपने ग्रेड और अंकपत्र प्राप्त करने में आसानी होगी।
डिजिटल ग्रेड कार्ड से छात्रों को मिलेंगे कई लाभ
पारंपरिक प्रणाली में छात्रों को अपने परीक्षा परिणामों और अंक पत्रों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। कई बार परीक्षा परिणाम जारी होने में भी देरी हो जाती थी। समर्थ डिजिटल ग्रेड कार्ड के माध्यम से छात्रों को अपने परिणाम तुरंत ऑनलाइन देखने और डाउनलोड करने की सुविधा मिलती है। इस प्रणाली में मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होती है।